अक्टूबर 6, 2024

पीएयू ने प्रख्यात पंजाबी कवि पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर को उनके निधन पर याद किया

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लुधियाना 11 मई 2024 (पूजा भारद्वाज ) पंजाबी शिरोमणि कवि पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर के निधन से पीएयू का पूरा टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ और विद्यार्थी शोक में डूब गए। पीएयू के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने अपने शोक संदेश में कहा कि आज पंजाबी साहित्य, भाषा और संस्कृति को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि डॉ. पातर ने अपनी अधिकांश कविता पीएयू में रहकर रची। साहित्य जगत में पीएयू की पहचान को गहरा करने में उनका योगदान अमिट है।कुलपति ने कहा कि डॉ. सुरजीत पातर पीएयू में पंजाबी के प्रोफेसर थे। उनकी साहित्यिक उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। उनकी काव्य पुस्तक डार्कनेस स्मोल्डिंग इन द डार्क अल्फाबेट ने भारतीय साहित्य अकादमी का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता। इसके अलावा पटारजी को सरस्वती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। ये उपलब्धियाँ पूरे पीएयू परिवार के लिए गर्व का स्रोत हैंथे डॉ. गोसल ने उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए परमपिता परमेश्वर से परिवार को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की भी प्रार्थना की।
इस अवसर पर पीएयू रजिस्ट्रार डॉ. ऋषिपाल सिंह, निदेशक अनुसंधान डॉ. अजमेर सिंह धट्ट, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. मक्खन सिंह भुल्लर, अतिरिक्त निदेशक संचार डॉ. तेजिंदर सिंह रियाड़ और अन्य पीएयू अधिकारियों ने भी दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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